आज एक जुलाई हो चुकी है और आठ जुलाई को राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) का एक्जाम होने वाला है। अगर अब आपके पास केवल इतना ही समय हो तो आप कैसे करे तैयारी, इस पर कैसे अपनाये रणनीति जिससे आप सफल हो सके इस नेट परीक्षा में। चलिये दर्शनशास्त्र (Philosophy)विषय पर एक नजर डालते है-
1- सर्वप्रथम आप उन्ही टॉपिक को पढ़े जो आप पढ़ चुके हो।
2- उन टॉपिक को चुने जो पढ़ने में सरल हो और उनसे प्रश्न भी खूब आते हो।
3- प्रश्न-पत्र पर दिन में कम से कम 10 बार नजर जरूर डालना है जिससे पता चले किस टॉपिक से क्या आना है और क्या-क्या महत्वपूर्ण भी है।
अब मैं कुछ टॉपिक को बताता हूं जिन्हें आप इन सात दिनों में भी पढ़कर नेट/जेआरएफ परीक्षा को क्वालीफाई कर सकेंगे-
जो इस प्रकार है-
1- भारतीय दर्शन
वैश्विक व्यवस्था में ऋत की अवधारणा/अनृत की अवधारणा,पुरुषार्थ, वर्ण-व्यवस्था, ऋण के प्रकार, जीव की चार अवस्थाएं(जाग्रत,स्वप्न,सुषुप्ति और तुरीय) और ब्रह्मविहार(बौद्ध इतिहास से)
२- भारतीय दर्शन में जितने भी दर्शन है उनमें निम्न अवधारणाओं को जरूर देखें-
मोक्ष,आत्मा, जीव, जगत, कारणता-सिद्धान्त, बंधन, जगत की उत्पत्ति और मूल तत्वों की संख्या , प्रमाण, प्रामाण्यवाद और दर्शनो की ख्याति और इनकी ज्ञानमीमांसा और तत्वमीमांसा।
- अंविताविधानवाद, अभिहितांवयवाद, संकेतग्रह, वृत्ति आकांक्षा, सन्निधि,योग्यता और तात्पर्य। शब्द और अर्थ और इनमे सम्बन्ध विशेषकर मीमांसा और न्याय में।
पाश्चात्य-दर्शन और ग्रीक दर्शन-
3- पूर्व-ग्रीक दर्शन में प्रकृतिवादी दर्शन, सोफिस्ट में प्रोटेगोरस, ग्रीक में प्लेटो और अरस्तू।
4- पाश्चात्य में बुद्धिवादी(डेकार्ट, स्पिनोजा और Leibnitz) अनुभववादी में लॉक, बर्कले और ह्यूम।
5- जर्मन दार्शनिको में, कांट, हीगेल और हुर्सल(फेनोमोलॉजिस्ट) को छोड़ने की गलती कतई न करे। अधिक मात्रा में प्रश्न यहाँ से पूछे जाते है।
6- अस्तित्ववादी दर्शन में किर्केगार्ड, satre, हाइडेगर।
7- भाषावादी दार्शनिको में विट्सगेस्टीन(1 और 2), लॉजिकल पोसिटिविस्म(एयर), रसेल , फ्रेगे और ऑस्टिन।
8- मनस-दर्शन में आप गिलवर्ट राएले को देख सकते है एक या दो प्रश्न आ जाते है यहाँ से।
9- व्यहारवाद और उपयोगितावाद में आप विलियम जेम्स, पियर्स और जॉन डिवी को देखे।
पाश्चात्य दर्शन को आप 7 दिन में इतना कर सकते है।
सामाजिक राजनीतिक दर्शन और नीतिशास्त्र और अधिनीतिशास्त्र(मेटा-एथिक्स)-
10- हाब्स, लॉक, रूसो और गाँधी जी, प्लेटो और अरस्तू में न्याय-सिद्धान्त।
11- नीतिशास्त्र में दंड-सिद्धान्त, गांधी जी, उपयोगितावादी और सुखवादी दर्शन में बेन्थम और मिल, सद्गुण(प्लेटो और अरस्तू), और de-ontology, normative, consequences and action centre theory और कांट का नैतिक दर्शन।
12- मेटा-एथिक्स में मूर, एयर, स्टीवेंसन, रॉस, प्रिचर्ड, स्मिथ और cognivist and non-cognivist, error theorists , moral realist, naturalist and non-naturalist , intuitionismको अवश्य देखे।
लॉजिक-
13- सत्यता और वैधता(truth and validity), निरपेक्ष न्यायवाक्य(categorical syllogism), परंपरागत विरोध तर्क(traditional square of opposition), विचार के नियम, अनुमान के नियम और विस्थापन के नियम।
समकालीन भारतीय दर्शन-
14- जिद्दू कृष्णमूर्ति, टैगोर, अरविन्द, के सी भट्टाचार्य, गांधी और अम्बेडकर। इनके किताबो के नाम भी। इनसे प्रश्न अनिवार्य ही है।
इन सात दिनों में आपने एक नियम के तहत अगर इतना कर लिए तो आप बाकई सफल हो सकते है। आपके साथ मेरी शुभकामनाए है। लगे रहिये।डटे रहिये। मंजिल जरूर मिलेगी। बशर्ते धैर्य अनिवार्य है।
धन्यवाद।
अंकित चौरसिया
नेट/ जूनियर रिसर्च फेलो
फॉर्मर आईसीपीआर फेलो
पीएचडी शोध छात्र
दर्शन विभाग
दिल्ली विश्वविद्यालय...